कुछ किस्से , कुछ बातें ..
कुछ किस्से , कुछ बातें ..
कुछ किस्से मिले, कुछ बातें मिली
वक़्त की सिलवटों मैं लिपटी कुछ रातें मिली
सोचा ज़िन्दगी में कोई इल्म ना रहे
मगर उसे छोड़ उसकी यादें ही मिली
यादों की अलमारी मैं पुराना बक्सा मिला
बक्से में कुछ तस्वीर मिली हमारी अधूरी कहानी मिली
सारा गुनाह उसी का है कैसे कह दे हम
जो गुम हुए वो ख़त मिले, कुछ टूटे फूटे अल्फ़ाज़ मिले,
कुछ कविताएं मिली
लो और एक अरसा बीत गया उसका ज़िक्र कर
कुछ दिल के टुकड़े मिले,
मेरे आंसू तक मिले बहुत तलाशा मगर वो ना मिली
हर शख्स पूछता है आख़िर ये प्यार जज्बात में क्या हासिल किया
ताउम्र याद रहे ऐसा दर्द मिला, कुछ वादे मिले,
खुशबू मिली, अधूरी बीती बाते और मुलाकातें मिली