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Ajeet dalal

Comedy

4  

Ajeet dalal

Comedy

वफादार बीड़ी

वफादार बीड़ी

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आज मैं बीड़ी पी रहा हूं ,

ये किसकी रजा है।

मुझे पता है या मेरा रब जानता है ,

बीड़ी में क्या मजा है।


अरे कौन पिता इन बीडी के ठुटठो को,

ये तो मेरे दिलदार की बेवफाई की सजा है।

बुझ जाती है कमबख्त बार-बार,

हर बार एक तिल्ली जला रहा हूं। 


उसनेे तो बेवफाई कर डाली मगर,

बीड़ी सेे वफा निभा रहा हूं।

बनाता हूं रोज धूँँएंं के छल्ले ,

इसमें मेरी क्या खता है।


जला रही है धीरे-धीरे कमबखत,

देगी एक दिन कैंसर जैसी सजा सख्त।

एकांत में भी निभाती है ये साथ मेरा,

पर मौत की तरफ ले जा रही है हर वक्त।


बीडी से ही जलेगी चिता इक दिन,

क्या यह सबको पता है।

आज मैं बीड़ी पी रहा हूं,

ये किसकी रजा है


मुझेे पता है या रब जानता है।

बीड़ी मेंं क्या मजा है।।


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