अब आगे तू जाने मालिक ! अब क्या मर्ज़ी तेरी है……. अब आगे तू जाने मालिक ! अब क्या मर्ज़ी तेरी है…….
मुझेे पता है या रब जानता है। बीड़ी मेंं क्या मजा है।। मुझेे पता है या रब जानता है। बीड़ी मेंं क्या मजा है।।
बिना उसकी रजा के यहां इक पत्ता भी नहीं हिल सकता। बिना उसकी रजा के यहां इक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
सब रिश्ते चकनाचूर होकर टूट जाते है, तब चाय बनाती हमारी बिगड़ी फ़िजा है सब रिश्ते चकनाचूर होकर टूट जाते है, तब चाय बनाती हमारी बिगड़ी फ़िजा है
मैं अपने साथ बड़ा ख़ुश था मेरे ज़िन्दगी में तुम आई क्यूँ मैं अपने साथ बड़ा ख़ुश था मेरे ज़िन्दगी में तुम आई क्यूँ
इक राह पे ही चलना यूँ तो बुरा नहीं है लेकिन यहीं करेगा तो कब नया करेगा। इक राह पे ही चलना यूँ तो बुरा नहीं है लेकिन यहीं करेगा तो कब नया करेगा।