जिंदगी एक रंगमंच
जिंदगी एक रंगमंच
जिंदगी एक रंगमंच है
हर व्यक्ति है अभिनय कर्ता
पटकथा लिखी भगवान ने
व्यक्ति है अभिनय करता।
कभी खुशी-कभी गम
हर व्यक्ति को यहां मिलता
जिंदगी एक रंगमंच है
हर व्यक्ति है अभिनय कर्ता।
कब क्या हो जाए जीवन में
यह कोई नहीं कह सकता
बिना उसकी रजा के यहां
इक पत्ता भी नहीं हिल सकता।
जब तक सांसे हैं तन में
हर व्यक्ति है अभिनय करता
सांसें रूकती जिस क्षण
अभिनय खत्म है करता।
जिंदगी एक रंगमंच है
हर व्यक्ति है अभिनय कर्ता
कब क्या हो जाए जीवन में
यह कोई नहीं कह सकता।