किताब
किताब
किताब है ये अल्फाज़ो का खज़ाना
किताब जो नहीं बनाती कोई भी बहाना
सारे गिले शिकवे ज़हन के समाये हुए
किताब हो ज़रिया है किसी को न बताना
भरी है अलमारी न केवल किताबों से
कई अहसास ज़िन्दगी के साथ में है
न जाने कितने अहसासों के बाद चुनें लब्ज़
लिखने वाले कि किताब जो मेरे हाथ में है
दिल की आवाज़ है किताब
पहला- पहला प्यार है किताब
लेखक की जान है किताब
न जाने क्या-क्या है किताब
ज्ञान का भंडार है किताब
कविताओं का संघराल्य है किताब
कोरे कागज़ों की खान है किताब
स्याही के खेलने के निशान है किताब
ज़िन्दगी थम जाए जो ये दूर हो जाए
लिखने वाले से पूछो कितने ही अहसास छूट जाए
वक्त रुक जाए अगर ऐसा हो जाए
किताब न हो बस नाम रह जाए।