दिल ख़ुद से रोता जार-जार है क्या यही प्यार है दिल ख़ुद से रोता जार-जार है क्या यही प्यार है
हर जगह, हर ठौर पर ही,आज दिख़ता बसंत ऋतु का नज़ारा है। हर जगह, हर ठौर पर ही,आज दिख़ता बसंत ऋतु का नज़ारा है।
तमन्नाएं रूबरू बैठी, और बोली, हमारी कब की बारी है। तमन्नाएं रूबरू बैठी, और बोली, हमारी कब की बारी है।
विदेश भ्रमण और सामाजिक मीडिया पर स्टेट्स जम कर दिखाना विदेश भ्रमण और सामाजिक मीडिया पर स्टेट्स जम कर दिखाना
वक्त ने कब अलग किया कब मिलवा दिया हमें इसका पता ही ना चला।। वक्त ने कब अलग किया कब मिलवा दिया हमें इसका पता ही ना चला।।
अपनी-अपनी मंज़िल को पाना है खामोश रातें जो वीरान सी हैं अपनी-अपनी मंज़िल को पाना है खामोश रातें जो वीरान सी हैं