निरामिष खाना
निरामिष खाना
इक अभिनेत्री जी सियासत में उतरी,
"इमेज" भी थी उनकी, साफ़-सुथरी!
मंच को संभाला और यूँ भाषण दिया,
कि मानो सभी को, सम्मोहित किया!
कहा, "कि पशुओं पर अत्याचार रोकें,
कोई करें उन्हें पीड़ित, उसको टोकें!
बंद होना चाहिए यहाँ, सामिष खाना,
करिये प्रचार जो हो, निरामिष खाना!"
ये कहकर के, वो मंच से उतर आई,
और उन्होंने ये, फ़रमाइश भिजवाई!
"कि ज़रा भिजवाइयेगा मेरे रूम पर,
चिकन ज़रा तंदूर पर, पूरा भून कर!"
ये कह उन्होंने अपना ये पर्स संभाला,
पशु-चर्म से बना था पैसा रखने वाला!
उसे संभालते हुए वो यूँ आगे बढ़ गईं,
कि नज़रें दड़बा-बंद, मुर्गे पे पड़ गईं!
जल्द ही वो जाके इक निवाला बनेगा,
जल्द ही जा, कसाई के हाथों कटेगा!
कसाई, छुरी को धार लगाता दिखा है,
फिर मुझे पास, चुनाव आता दिखा है!