STORYMIRROR

Ramesh Mendiratta

Comedy

4  

Ramesh Mendiratta

Comedy

पति,प्याज और पत्थर

पति,प्याज और पत्थर

1 min
519

आँसू मेरे देख के बोली मेरी लुगाई

क्या है यह ड्रामा मैं समझ न पाई


मैं बोल्या इनको तू कभी न समझ पायेगी

हमेशा अपने आँसुं से मुझको भरमाएगी


बोली फिर आ जाओ किचन मे काम पड़ा है

आपके लिए प्याज का एक थेला पड़ा है


मैं बोल्या मै न काटूं तेरे कड़वे प्याज

बस मुझे छोड़ अकेला रहने दे आज


पति के आँसू कोई न जाना न पहचाना

देखो यह तो जाने सारा जग है सब बेगाना


पति न रोवे पति की पीरा जग में कोई न जाना

पति वेरागी पति है पत्थर जाने ऐसा पूरा ज़माना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Comedy