शेर का जन्मदिन
शेर का जन्मदिन
आपके राजा का जन्मदिन
जंगल में हो रही है मुनादी
बिना डरे सब आएं जानवर
हिरण, खरगोश बंदर आदि
शाकाहारी, मांसाहारी सब
भोजन सब मन का मिलेगा
पर कुछ जानवर भय खाए
कि मांसाहार में कौन पकेगा
भालू काका से वो बैठा पूछ
प्रश्न यही इक नन्हा खरगोश
तुम तो बिल्कुल मरगिल्ले से
काहे कटने इतना है जोश
खाना आज पार्टी का पूरा
मंगाया दूसरे जंगल से गया
मुनादी वाले भालू काका ने
कोई ने डरे सबको बतलाया
शाम को सब जंगल के प्राणी
शेर की गुफा को पहुँच गए
सब पकवान सजे चारों ओर
देखके सबके दिल मचल गए
तब वो शेर निकल कर आया
सबको नमस्कार करके बोला
जंगल के राजा का आया चुनाव
वोट मुझे देना हर कोई भोला
अब सबको इस जन्मदिन का
असली मकसद आया समझ
सबने पार्टी खायी फिर जल्द
भगे वहाँ से, ज़्यादा न उलझ।
