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Achyut Umarji

Comedy

4  

Achyut Umarji

Comedy

पीढ़ी का अंतर

पीढ़ी का अंतर

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दादी, नानी सुबह ४ बजे उठती थी...

मैं आजकल ६ बजे उठती हूं...

और...

बहू, लड़की ८ बजे उठती हैं...।।१।।


दादी, नानी घर पर खुद चक्की चलाती थी...

मैं चक्की की दुकान पर जाती थी...

बहू, लड़की आटा खरीदकर लातीं हैं...।।२।।


दादी, नानी कभी होटल गईं नहीं...

मैं जाने लगी हूं...

बहू, लड़की झोमॅटो से मंगवाती हैं...।।३।।


दादी, नानी भगवान, उपवास में लगी रहती...

मैं भगवान को मानती हूं, पूजा, अर्चना करती हूं...

बहू, लड़की काम को पूजा मानती हैं...।।४।।


दादी, नानी ने मॅट्रिक तक पढ़ाई की...

मैंने ग्रेजुएट तक पढ़ाई की...

बहू, लड़की इंजिनियर, डबल ग्रेजुएट, डाॅक्टर बनीं...।।५।।


दादी, नानी एसटी से यात्रा करती थीं...

मैं मोटार गाड़ी, रेलवे से...

बहू, लड़की ओला, उबेर, या हवाई जहाज से...।।६।।


दादी, नानी रिश्तेदारों के घर जाती...

मैंने सहेली बनाएं, क्लब जाॅईन किया...

बहू, लड़की राॅयल की तरह जीते हैं...

कभी कभार मित्रों के साथ जातीं है, तो कभी सिर्फ दोनों...।।७।।


दादी, नानी वैध के पास जाती तबियत बिगड़ने पर...

मैं डाॅक्टर कू पास...

बहू, लड़की सुपर स्पेशलिस्ट हाॅस्पिटल में...।।८।।


दादी, नानी का घर था...

मेरा घर कुछ सुविधाएं ज्यादा थीं...

बहू, लड़की का घर इंटिरियर का, किचन ब्रांडेड वाला...

जिम वाला, जाॅगिंग ट्रॅक वाला...।।९।।


दादी, नानी का शृंगार बड़ी बिंदी...

मैं टिकली...

बहू, लड़की कभी कभार साड़ी पर बिंदी...।।१०।।


दादी, नानी ने कभी मंगलसूत्र गले में से उतारा नहीं...

मैं कभी कभार निकालती हूं...

बहू, लड़की कभी कभार पहनती हैं...।११।।

ये हकीकत है, वास्तविकता है।


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