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SUNIL JI GARG

Comedy Drama Children

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SUNIL JI GARG

Comedy Drama Children

एलियन चाचा को भगाया

एलियन चाचा को भगाया

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कोई नहीं थे बाल

पिचके थे गाल

एलियन सी चाल

हाल थे बेहाल


बस से उतरे वो

रिश्ते में मेरे जो

बोले बैग थाम लो

चलो जहां ले चलो


बाबू जी के थे कजिन

गोरखपुर से आ रहिन

पहली बार हम देखिन

इमेज एलियन सी लगिन


घर पहुंच वो नहा लिए

मां ने पकोड़े तल दिए

गपागप उन्होंने खा लिए

फिर वो सोने चल दिए


बाहर गांव पिता जी थे

हम जरा डरे भी थे

परग्रही से लग रहे थे

खर्राटे जब ले रहे थे


हमने मां से पूछा यूं

ये वही तो हैं न क्यूं 

रात होने लगी ज्यूँ

सोचा डरा कर भगा दूं


अब झोली बाबा मैं बना 

लपेट बड़ी सी चादर तान

गाने लगा भूतों सा गान

वो डरे, भागे बचा कर जान


पापा लौटे तो उन्हें सब था पता

चाचा ने सब कुछ था दिया बता

हमने भी अपना डर दिया जता

एलियन सा कोई तो बताएंगे धता


हमारी प्रॉब्लम थी जेनुइन

किसी से डर लगे तो कुछ करिन

बड़ी मुश्किल से पिताजी मानहिन

बोले आगे से जरा ध्यान रखिन


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