"ख़ुशफ़हमी"
"ख़ुशफ़हमी"
एक ख़ूबसूरत सा
सपना उग आया है….
पूरा हो न हो,
उग तो आया है !
मेरी ज़िंदगी के
बंजर……पथरीले
यथार्थ से ठोस
शुष्क धरातल पर,
प्रायः उग आने वाले
सदाबहार, कंटीले
पौधों की जगह
एक सुर्ख़ गुलाब
उग आया है !
उन कंटीले सत्यों से
इस नाज़ुक से भ्रम की
उम्र भले ही कम हो;
एक वहम ही सही….
उग तो आया है आख़िर !!