नववर्ष...
नववर्ष...
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कोई ख़ुशी हो न हो, ख़ुश होकर दिखाते सभी हैं
दिलों में उम्मीद, आँखों में ख़्वाब सजाते सभी हैं !
एक चमक सी दिखती है हर किसी के चेहरे पर
मौज-मस्ती, नाच-गाना, पीते-पिलाते सभी हैं !
कुछ नया शुरू, कुछ बंद, करने की बात होती है
फिर कुछ दिनों के लिए वो वादे निभाते सभी हैं !
नया बरस, नया जोश, नया ही इश्क़ और जुनून
एक अच्छे दौर की राह में आँखें बिछाते सभी हैं !
साल-दर-साल ये सिलसिला यूँ ही चलता रहा है
कुछ तो ज़रूर है नए साल में, जो मनाते सभी हैं !