Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

मिली साहा

Tragedy Inspirational Others

4.8  

मिली साहा

Tragedy Inspirational Others

काश मिल पाती थोड़ी हरियाली कुदरत से

काश मिल पाती थोड़ी हरियाली कुदरत से

2 mins
486


काश! कि मिल पाती थोड़ी हरियाली इस कुदरत से,

कि बंजर सी हो गई है ज़िन्दगी अपनी ही किस्मत से,


एहसासों के बादल से होती नहीं अब प्यार की बारिश,

हो चुकी बेजार सी ज़िंदगी मेरी हर तरफ़ है बस तपिश,


न भावनाओं के फूल खिलते न जज्बातों की हरियाली,

प्यार से बोया रिश्तों को फिर क्यों हाथ रह गया खाली,


निकले थे कुछ अंकुर तो देखकर मन में जगी थी आस,

ख़्वाब सजने लगे थे आंखों में पर टूट गया मेरा विश्वास,


खिले थे कुछ फूल खुशियों के पर खिलते ही मुरझा गए,

जिनके लिए खुद का वजूद भूला वहीं छोड़ कर चले गए,


अपना-अपना कहते रहे दिल से कभी अपना माना नहीं,

वो असली चेहरा छुपाते रहे मैंने भी कभी पहचाना नहीं,


झूठे रिश्तों की ज़मीन पर फसल उगाई थी मैंने प्यार की,

रिश्तों की आड़ में किया व्यापार कीमत नहीं एतबार की,


ऐसा हो चुका है किरदार मेरा ज़िंदगी भी उड़ाती मज़ाक,

कोई नहीं किससे करूं शिकायत, किससे करूं फरियाद,


टूट चुकी हिम्मत अपनों ने गिराने में कोई कसर ना छोड़ी,

बंजर सी हो गई मेरी ज़िंदगी तकदीर ने ऐसी मारी हथौड़ी,


पर अब वक्त की आंधी में मुझे खुद को बहने नहीं देना है,

हौसला रख कर खुद पर, अब हार को जीत में बदलना है,


कुदरत दे साथ गर फिर हरियाली होगी, नवजीवन मिलेगा,

पतझड़ है अभी जीवन में तो क्या हुआ सावन भी आएगा,


खिल उठेगा खुशियों का वृक्ष, खोया वज़ूद भी लौट आएगा,

लौट आएंगे साख से जुदा पंछी, घोंसला फिर आबाद होगा,


समझ चुका जीवन है तो लाज़मी है तूफ़ानों का भी आना,

हर तूफ़ान का सामना कर अब सफ़र में है आगे ही बढ़ना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy