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Kusum Lakhera

Tragedy Others

4.4  

Kusum Lakhera

Tragedy Others

झुकती क्यों हो ?

झुकती क्यों हो ?

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डॉक्टर ने उसे कहा उसे 

तुम ये बार बार झुकती क्यों हो ?

ये रीढ़ की हड्डी की तुम्हें जो बीमारी है

वह झुकने के कारण ही जारी है ...

वह आँखों में आंसुओं को लाकर कहने लगी 

डॉक्टर साहब आपने कहा कि झुकना नहीं

पर पिता और माँ के सामने वह झुकी भाई न कभी 

झुका, पर वह झुकी तब झुकने से कहा जाता था

कि जो झुके पुत्री वह आज्ञाकारी है ...

फ़िर विवाह का प्रस्ताव आया ..

जो परिवार को भाया ..उसी आदेश को झुक कर

गले लगाया ..माँ ने कहा देख ससुराल में भी झुक के रहना

तन के कभी गरदन न उठाना ..

काम जो भी कहें वहाँ पर सब करती जाना 

क्योंकि झुक कर रहने से ही भला है 

अगर कभी हो जाए ...पति से लड़ाई 

तब भी माफ़ी पहले मांगकर झुक जाना 

इसलिए वह ससुराल में भी झुकती गई ..

अब जबकि घर गृहस्थी में बच्चे हो रहे हैं बड़े

वह भी अपनी जिद पर रहते हैं ...अड़े ..

तो उनके समक्ष भी झुक ही जाती हूँ ..

क्योंकि वह घर में शान्ति चाहती हूं 

इतने वर्षों झुक झुक कर रीढ़ की हड्डी भी 

झुकने लगी..

और असहनीय दर्द भी सहने लगी ..

जीवन पर्यंत जो झुकता चला गया 

उसे अब उम्र के इस पड़ाव में ..

न झुकने का मंत्र कैसे आएगा ..

उसका शरीर अब इस नियम को कैसे अपनाएगा 

लगता है ये पीठ का दर्द आजीवन ही सताएगा



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