इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?


जब देश अभी तक जल रहा है,
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
सोच का दायरा ये बदल रहा है,
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
खूँरेंज़ी, बवाल और क़ौमी-दंगा,
इस माहौल में कैसे रहे मन चंगा?
मासूम इंसान अंदर मचल रहा है,
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
बच्चे बेचे जा रहे जिस्मफ़रोशी में,
गरीब माँ-बाप देखें ये ख़ामोशी से!
ये सबकुछ खुल्ले आम चल रहा है,
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
जनता लड़ रही नेताओं को लेकर,
जनता ही मूर्ख बनेगी सब ले देकर!
नीरो सो रहा और रोम जल रहा है,
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?
एक सेना ही है जो अभी भी सच्ची है,
एक यहीं देशभक्ति अभी भी बची है!
पर अभी वहाँ भी मंज़र बदल रहा है,
इस बार मैं दिवाली कैसे मनाऊं?