गरीबी
गरीबी
गरीबी क्या है ?
बातों से ना जाने ।
उसके निशान हैं,
कुछ जाने पहचाने ।
आधी झुकी छत,
टूटे हुए कवेलु ।
आधा लिपा चूल्हा,
खूँटी पर लटका,
खाली थैला ।
उस पर फटा हुआ,
एक कमीज मैला ।
टूटी हुई खटिया ,
उसमें सुकड़ा हुआ,
बीमार बाप ।
ना जाने क्या ?
निहारती निस्तेज आँखें ।
टिमटिमाता दिया,
जो दिखाता,
अंधेरे में प्रकाश ।
बस यही दिखाता,
जीने की आस ।
