कैसा होता बालदिवस
कैसा होता बालदिवस
ढाबे पर चाय बांटता छोटू
गुलामी मे जीता छोटू
क्या जाने? क्या पता ?
कैसा होता है बालदिवस?
अभावों मे जीने बाले
राधा और मोहन
लाचार वीमार मां के लिए
चिंतित क्या जाने बालदिवस?
रोहन सोहन रीता सीता
आदि अनेको बालक कन्या
जिये भीख कचरा चुन जीवन
कैसा कब क्या बालदिवस?
क्या ढाबे क्या भिक्षुक की
गलियों मे जाता वालदिवस ?
नही उच्च संस्थान घरो में
ही होता है बालदिवस।
हर कारण का निवारण हो
हो शिक्षा खेल स्वास्थ्य का जब हक
बचपन हो बेवश ना कोई
तभी सार्थक बालदिवस ।
