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PRADYUMNA AROTHIYA

Abstract Tragedy Inspirational

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PRADYUMNA AROTHIYA

Abstract Tragedy Inspirational

हे सृजनशील नारी

हे सृजनशील नारी

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हे सृजनशील नारी

तुझको विश्व मंच पर

नए-नए इतिहास रचने हैं,

संकल्पों के साहस लेकर

रूढ़िवादिता के तिलस्म तोड़ने हैं।


शंखनाद अपने अस्तित्व का

निर्भय होकर

शौर्य की गाथाओं के

इतिहास लिखने हैं,

नारी शक्ति के आत्म यज्ञ 

वन-उपवन में करने हैं।


अनाचार के विरुद्ध

दशों-दिशाओं में

परिवर्तन के फूल खिलने हैं,

नारी मूर्ति नहीं इंसान है

हर दिल में मानवीय

उच्च विचारों के सृजन करने हैं।


त्याग-तपस्या से

नव-विचारों के श्रृंगार करने हैं,

कुरीतियों पर

नारी शक्ति के मानवीय प्रहार करने हैं।


हे सृजनशील नारी

तुझको नव दायित्वों के

निर्वाहन करने हैं,

विश्व मंच पर

नारी शक्ति की ज्योति से

जीवन पथ प्रशस्त करने हैं।



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