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Anubhuti Singhal

Romance Tragedy

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Anubhuti Singhal

Romance Tragedy

हर बात हो गयी

हर बात हो गयी

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उनका पैग़ाम मिला, खुशियां छिपाये ना छिपी

हसरतें पूरी हो गयीं

कदम हमारे ज़मी पर ना पड़े !

गम की कहानी फना हो गयी !


मिलना था दिलों का,

पर ऐसा लगा कोई रुहानी बात हो गयी!

खुशबू उनकी उनसे पहले आ गयी

ज़िन्दगी हमारी किमाम हो गयी !


दीदार ए यार हुआ उनकी

मुस्कुराहट हमारा ईनाम हो गयी !

लब सिल गए हमारे, वाक़ये खुद ब खुद

बयान हो गए क्या कहते अब हर बात हो गयी !

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खामोश लबों ने अनसुने कानो मे ऎसा

क्या कहा, कमाल की बात हो गयी!

सन्नाटे मे बैठे रहे, पता नहीं चला कब सहर गुज़री,

शाम ढली और शब भी ख़ाक हो गयी !


झुकी हुई निगाहों ने कुछ सवालात किए,

पर अनदेखी नज़रों ने जवाब ना दिए !

बेज़ारी की इंतेहा हो गयी !

तन्हाई की इब्तेदा हो गयी !


लव्ज़ बेलव्ज़ हो गए !

कुछ ना बचा कहने को हर बात हो गयी।


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