दिल मेरा कोरा कागज़
दिल मेरा कोरा कागज़
दिल मेरा कोरा कागज़,
तुम्हारी बात कलम है!
तुम्हारे ख्याल दवात हैं
तुम्हारी याद चिराग़ है!
जिसकी रोशनी तले
बातों को यादों में डुबाया है
और दिल में लिख लिया है
तुम अब तुम नही हो!
कोई साया रूहानी भी नही हो!
दिल की हक़ीक़त हो!
क्या तुम हो!
तुम एक तरन्नुम हो...
तुमसे दिल मे गीत है!
तुम एक मिसरा हो...
तुमसे दिल मे शायरी है!