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Anubhuti Singhal

Tragedy

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Anubhuti Singhal

Tragedy

उसी ने बेपर्दा कर दिया

उसी ने बेपर्दा कर दिया

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ग़जब किया! तेरे वादे पर ऐतबार किया...

ज़ख्म दिया तूने! तुझसे ही मरहम ले लिया...

जन्नत का ख्वाब देखते रहे...

जहन्नुम मे नामालूम हमे कब भेज दिया!

वादा खिलाफी करके तू तो मुकरता रहा...

बारम्बार टूटता रहा पर हमारा जिया!

तेरी मुर्र्व्वत ने ऐसा क्या असर किया...

जो अक्ल बन्द करके ताले मे...

चाभी को ना जाने कहाँ फेंक दिया!

ताउम्र रोते रहेंगे, क्यों पता नही किया!

क्या करें शिकवा-ओ-गिला....

क्यों चलाया ये सिलसिला!

गुमनाम तू तो हो गया...

ये बता ओ बैरी पिया!

कैसे बचाएं अपनी शर्म-ओ-हया...

हिजाब ने ना नक़ाब ने साथ दिया!

पर्दानशीं जिसके आगोश मे थे...

उसी ने बेपर्दा कर दिया!


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