ग़जब किया! तेरे वादे पर ऐतबार किया... ज़ख्म दिया तूने! तुझसे ही मरहम ले लिया... ग़जब किया! तेरे वादे पर ऐतबार किया... ज़ख्म दिया तूने! तुझसे ही मरहम ले लिया...
बेचैन हो तुम हद से ज्यादा इसलिए तसल्ली भी नहीं देख पा रहे हो, बेचैन हो तुम हद से ज्यादा इसलिए तसल्ली भी नहीं देख पा रहे हो,