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पड़ी है शाला पुलिस लॉक डाउन बन्द करो ये चूड़ियों की खनखन इंतजार तसल्ली बेचैन खिड़की खुली नाइंसाफी हिंदी कविता नजरंदाज साथ दो आवाज का या क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयम् बन्द कर मैं का झगडा एकत्र हो बन जाओ हम

Hindi बन्द Poems