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Vrajlal Sapovadia

Tragedy

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Vrajlal Sapovadia

Tragedy

जाए तो जाए कहाँ

जाए तो जाए कहाँ

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लोकडाउन में हो गए सब बंद 

बीत गए सुख दुःख में कितने चंद 


बहार निकले तो पुलिस से कंप 

अंदर डरते जब होते भूकंप  


अच्छा लगता जब घर में रहते 

सामाजिक दूरी में रहते बहते 


आज कल कम लगती भूख  

लेकिन लगती तो है वो दुख 


घर में होते खाना कैसे आता 

जब तक बाहर नहीं जाता 


घर में रहते नहीं आता पैसे 

बिना पैसे आएगा खाना कैसे 


लोकडाउन में हो गए बंद सब

दुनिया फिर से खुलेगी कब ।



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