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माँ भारती पुकारती

माँ भारती पुकारती

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माँ भारती पुकारती

पुकारता तुम्हें वतन

चल पड़ो हे कर्मवीर

बाँध सर पर कफन

कुछ दिनो की पीड़ा है

ये कुछ दिनो का दर्द है

आज मिला देश को

कोई इस्पात का मर्द है।

ज़रूरी नहीं कि ठीक हो सब

पर ये निश्चित है कि

परिवर्तन हो अब।

हो गये कई वर्ष अब तक

दशक बीत चले

विकास के सारे वादे सबके

बातो मे ही रह गये।

किया किसी ने कुछ तो है

साथ तो हम भी दे सके

सेना पर नहीं, ठन्ड मे नहीं

कतार मे तो खड़े हो ही सके।

इतना किया है ये भी कर लो

इतना सह चुके ये भी सह लो

अब तक रहे चुप बस कुछ और दिन रहलो

परिवर्तन आने वाला है।

सब बदल जाने वाला है।

साथ दो आवाज़ का या

क्रान्ति पुरूष बन जाओ स्वयं

बन्द कर मैं का झगड़ा

एकत्र हो बन जाओ हम


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