आरजू ए दिल
आरजू ए दिल
बड़ा फंसा फंसा हूं इश्क में तेरे
मुझे मेरे इस हाल में ही रहने दे।
टूट कर बिखर जाऊंगा ना सुनकर,
ऐसी कोई खबर हैं तो खबर रहने दे।
कुछ ना हासिल होगा टूटने से मेरे तुझको
इससे अच्छा है घर बसाने की पहल करने दे।
ये इरादा ना दे तो ना सही
दोस्तों को सुनने के खातिर ही सही
इश्क का कोई अफसाना तो बनने दे।
बह जाता हूं तेरे यादों के बयार में
अक्सर अपनी मुस्कुराहटों की
पतवार मेरे हाथ में रहने दे।
क्यू ना मानूं मेरा हक तुझ पर
कोई कारण हो तो बता
वरना मेरा हक रहने दे।
शाम जब आएगी तब देखेंगे
अभी तो तेरे मिलने की कोई
खबर रहने दे।

