आरजू ए दिल
आरजू ए दिल
तेरी चाहत का हकदार ना सही,
तेरा खिदमतगार तो रहने दे।
तेरी इनायतों की बारिश ना सही,
छींटो का हकदार तो रहने दे।
कौन कहता है मर जाऊंगा
बिन तेरे, तेरे यादों के
सहारे पर एतबार तो रहने दे।
तुझे पना ना पाना कोई बात नहीं
जिस्म पर ना सही, मन पे अधिकार तो रहने दे।
क्यू मान लूं तुझे इश्क ना होगा मुझसे
हार से पहले जीत का खुमार तो रहने दे।
तू खुश रहे ये आरजू हैं मेरी,
पर बिन मेरे ये एतबार तो कर लेने दे।
अपनी आशिकी के खातिर
तेरे अरमान कुचल दूं
आशिक हूं आशिक ही रहने दे
जालिमों के कतार में शुमार मत होने दे।

