इश्क की बातें अभी करना मुझे बाकी रहा
इश्क की बातें अभी करना मुझे बाकी रहा
सज सँवर कर आईना मुझको बनाकर चल दिए
प्यार से देखा मुझे औ मुसकुराकर चल दिए
रात दिन मुझपर गिराते थे सनम जो बिजलियाँ
आज वो दांतों तले उँगली दबाकर चल दिए
चाँद तारों से भरी चुनरी अदा से ओढ़ कर
लाल पीली चूड़ियाँ वो खनखनाकर चल दिए
नैनों में कजरा लगाया बादलों की ओट से
लब गुलाबी है रसीले खिलखिलाकर चल दिए
इश्क की बातें अभी करना मुझे बाकी रहा
हुस्न का घूँघट निकाला दिल दुखाकर चल दिए