ग़ज़ल
ग़ज़ल
जिसने भी है प्यार किया अनजाने में
उसका जीवन बीत गया मयखाने में
चाहत का इज़हार नहीं कर पाया जो
वो आशिक तो डूब गया पैमाने में
वो पल भर में ही हमको हैं भूल गये
हमको वक्त लगेगा यार भुलाने में
हमने तुमको यार खुशी अपनी दे दी
उनको आता धरम मजा बहलाने में
जिसने भी है प्यार किया अनजाने में
उसका जीवन बीत गया मयखाने में