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Avneet kaur

Romance Tragedy Fantasy

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Avneet kaur

Romance Tragedy Fantasy

दर्द

दर्द

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दर्द छुपा रही हूँ उनसे,

अपनी चुप्पी के पीछे।


हार जाती हूँ हमेशा उनसे,

उन्हें जीताने के पीछे।


गंवा बैठी हूँ अपने आप को उनसे,

उनकी ज़िंदगी में किसी और के आने के पीछे।


ख्वाहिशें तो बहुत रही है उनसे,

भूला बैठी अपनी मजबूरियों के पीछे।


बहुत कुछ कहना चाहती हूँ उनसे,

इसलिए लिखने की कुछ वजह है उसके पीछे।


साथ निभाने की उम्मीद तो रखी थी उनसे,

इसलिये अकेले चलना ही सीख लिया है उसके पीछे।


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