बस तुम हो
बस तुम हो
मेरे हर एहसास में तुम हो, मेरे हर अन्दाज में तुम हो
हर खुशी में तुम हो, हर साज में तुम हो
दूर हो तो आँखों की नमी हो, पास हो तो होंठों की हँसी हो
कुछ ना कहो फिर भी " तुम मेरी समझ " हो,
मेरे हर दर्द का इलाज तुम हो
बस तुम हो
मुस्काते हो तो लगता है कुछ भी " कम " नहीं है,
उदासी से तेरी लगता है की " हम " नहीं है
"पास बैठो " जो कहते हो तो इठलाते हैं हम,
कुछ " बात " है हममें जो जताता है वो तुम हो
हर खुशी जो साथ लाता है वो तुम हो,
मेरी हँसी में जो गुनगुनाता है वो तुम हो
बस तुम हो
ये जानती नहीं की मैं "तुमसे " हूँ या " तुममें " हूँ,
पर " मैं " से " हम " जो बनाता है वो तुम हो
ये नहीं कहती की मेरा " वजूद" सिर्फ तुमसे है
पर तुम्हारे बिना खुद को कभी सोचा नहीं है
गुमां हो तुम मेरा हसरतें भी तुम हो
ख्वाब हो तुम मेरा हकीकत भी तुम हो
बस तुम हो
हाथ थामें जो हम चले जा रहे हैं, कुछ " खास " से जो हुए जा
रहे हैं
डर नहीं उन राहों पे चलने का,
जानती हूँ की मेरा रास्ता भी तुम हो और मंजिल भी तुम हो
बस तुम हो