दीप दिवाली के
दीप दिवाली के
घर घर रंगोली सजेगी,सजेगा दरवाजे पर वंदनवार
लगेगी दीपों की आवली हर घर,हर द्वार।
मां लक्ष्मी आयेगी कुम कुम कदमों से
लाएगी सुख समृद्धि का वरदान
संग आयेंगे विघ्नहर्ता,करने सारे विघ्नों का नास
राम आयेंगे अंगना,सो सजेगा पूरा संसार
बनेंगे घर घर पकवान,लगेगी पटाखों की लड़ी
जगमग करेगा ये धरा ये अंबर,इस त्योहार
हर्षोल्लास का होगा नूतन संचार
दीप प्रतीक है आशा की
असत्य पर सत्य के जीत की
अंधकार पर उजाले के विजय की।
जला लो इस दिवाली मन के भीतर भी दिया एक
जो मिटा दे मन का अंधियारा और कटुता,
लाए जीवन में मनुजता और मधुरता
करे ना कोई किसी से बैर भाव
प्रेम ही प्रेम का प्रकाश हो बस चहूं ओर।
राम हो आदर्श,चले सब राम की राह।
