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Alka Ranjan

Romance

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Alka Ranjan

Romance

चल ना प्रेम जगत में अपनी दुनिया बसाए

चल ना प्रेम जगत में अपनी दुनिया बसाए

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प्रेम जगत में चल अपनी दुनिया बसाएं

तू मेरे मैं तेरे दिल में अपना आशियां बनाएं

तू मुझसे मै तुझसे हों न जुदा

चाहे दुनिया कितना सताएं


तू भोर मैं सांझ

तू नदियां मैं प्यास

तू सुमन मै भ्रमर

तू चांदनी मैं तेरा चकोर

बन एं क दूजे में खो जाएं

चल ना प्रेम जगत में अपनी दुनिया बसाएं


चूड़ी कंगन बन खनकू तेरे हाथों में 

मांग सिंदूर,बिंदिया बन चमकू तेरे माथे पे

तू मेरी प्रेरणा,हौसला बन

धड़के मेरे सीने में

तू मुझसे पूरी मैं तुझ बिन अधूरा

रूठे न एं क दूजे से कभी किसी मौके पे

चल ना प्रेम जगत में अपनी दुनिया बसाएं


थाम ले मेरा हाथ सारे लोक लाज छोड़ के

रख दूं मै कदमों में तेरे चांद तारे तोड़ के

प्रेम जगत में तू मेरी हीर मैं तेरा रांझा,

तू मेरी लैला मैं तेरा मजनू, तू शिरीन मैं फरहाद,

तू राधा मै कृष्ण बन,नाम अपना भी लिखा जाएं ,

चल ना प्रेम जगत में अपनी दुनिया बसाएं। 


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