जाने कितने और दीवाने आएंगे जाने कितने और दीवाने आएंगे
फिर तो दो जान हुए एक जिस्म प्रीत का यह अद्भूत तिलिस्म! फिर तो दो जान हुए एक जिस्म प्रीत का यह अद्भूत तिलिस्म!
फुरसत में बनायी गयी, हूर थी तौबा, मैं चाँद था उसका, वह मेरी चाँदनी निकली ! फुरसत में बनायी गयी, हूर थी तौबा, मैं चाँद था उसका, वह मेरी चाँदनी निकली !
क्या मचल रहा है कोई दबा सा अरमान इस जिंदा लाश मैं जो डाल रहा जान क्या मचल रहा है कोई दबा सा अरमान इस जिंदा लाश मैं जो डाल रहा जान
खोये से हम-तुम बजे बस सांसों की सरगम आज मुहब्बत में, दिल की मनमानी लिखें खोये से हम-तुम बजे बस सांसों की सरगम आज मुहब्बत में, दिल की मनमानी लिखें
पर उसे पूरा करने का हौसला बुलंद देखा है। पर उसे पूरा करने का हौसला बुलंद देखा है।