अपनी आँखें मलते-मलते मेंढक बोला यूँ मचल के... अपनी आँखें मलते-मलते मेंढक बोला यूँ मचल के...
जन्म से ही समझे इन्सान है नश्वर ये तन आता जाता रहता धन जन्म से ही समझे इन्सान है नश्वर ये तन आता जाता रहता धन
हुई है लाल गगन काया या युवती ने अधर रचाई है या बसंत ऋतु आई है। हुई है लाल गगन काया या युवती ने अधर रचाई है या बसंत ऋतु आई है।
खामोशी को सुनना अद्भुत होता है। खामोशी को सुनना अद्भुत होता है।
कहा — ‘विदा’ एक दिन नदी ने तरेर कर अपनी आँखें, और मेरी उँगलियों से चुम्बक की तरह चि कहा — ‘विदा’ एक दिन नदी ने तरेर कर अपनी आँखें, और मेरी उँगलियों से च...
तू अपने राह पर चलता चल तू दूसरों के दुःख सुख से न मचल तू अपने राह पर चलता चल तू दूसरों के दुःख सुख से न मचल