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Nitu Mathur

Inspirational Others

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Nitu Mathur

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हीर वही

हीर वही

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वो क्या है जो पाया नहीं, क्या है वो जो ढूंढ रहा

कितनी ख्वाहिशें हुई पूरी, क्या रहा कोई ख्वाब अधूरा,


क्या मचल रहा है कोई दबा सा अरमान

इस जिंदा लाश मैं जो डाल रहा जान

जो चाहता हैं खुद से जीना फिर....

बदल ले फिर अपनी चाल , फितरत अपनी

तू ख़ुद को अपना यार मान,


ना छोड़ कोई काज खुदा पे अब, बना ले दर्द को औजार

जाग जा नींद से अब, नए सफर के लिए अब हो जा तैयार,


सांसों में सरगोशी भर, चेहरे पे भर ले नूर वही

तू भी बन जा रांझा फिर, मिल जायेगी हीर वही।


         


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