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Kunda Shamkuwar

Romance

3  

Kunda Shamkuwar

Romance

बस एक मुलाकात

बस एक मुलाकात

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शाम की मुलाकात में क्या क्या नही हुआ?

बातें हुयी.....ढेर सी बातें....

कुछ झुकती निगाहों से....कुछ उठती निगाहों से....

कुछ होठों से भी......मैं उन लफ़्ज़ों को पकड़ना चाहती थी....

उन लफ़्ज़ों को किसी संदूक में बंद करना चाहती थी....

जिन्हें मैं बार बार देख सकू....जिन्हें मैं बार बार सुन सकूं....

उन लफ़्ज़ों से कुछ छोटे बड़े ख़्वाब बुन सकूं.....

लेकिन लफ़्ज़ों ने इनकार कर दिया...

लफ्ज़ तो आज़ाद रहना पसंद करते हैं....

वे तो न किसी की कैद में रहना चाहते हैं....

और ना कोई उन्हें कैद कर सकता है.....

बातों के दरमियां और भी बहुत कुछ हुआ......

जो मेरे दिल दिमाग मे छप गया....

ताउम्र रहने वाली यादों की सूरत में....


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