अपने
अपने
तूझे परवाह रिश्तों की नहीं
टूटे या बिखरें अपने
तुझे परवाह गैर की सही
अपने मरें या टूटे सपने. .
मगर तू यह भूल रही
वक्त पर अपने होते
मददगार हमदर्द सनम
गैर नहीं अपने होते. .
खूब समझ आयेगा
जब वक्त रुलायेगा
कोई गैर नहीं होगा
अपना ही पास आयेगा. .