खौफ ए कोरोना।
खौफ ए कोरोना।
लगता था छोटा मगर, वही खेल कर गया ये कर्म ही तो है,
जो धरती ने अपना सबसे छोटा सैनिक भेज दिया।।
हज़ारों लाखों आ गए इसकी चपेट में ,
इंसान भी हरने पे हो गया था मजबूर ऐसा क्या था उस जीव में।
चीन से शुरू होते होते इसने दुनिया में अपनी छलांग लगायी ,
ना रहा कोई हिन्दू ना मुसलमान इसने सबकी बैंड बजायी। ।
अब जब सब खतरे में है तब समझ में आया है ,
सारी गलती हम इंसानों की तो है।
काश कुछ अच्छा कर लिया होता ,
मंदिरों और मस्जिदों की लड़ाइयों से बेहतर
एक अस्पताल ही बना लिया होता।।
हर अखबार हर समाचार यही बता रहा था ,
लाशो की गिनती बढ़ रही थी और प्रदूषण कम हो रहा था।
मानो जैसे कुदरत ने ये लीला जानबूझ के रची है,
ब्रह्मदेव से पूछकर ही ये विडंबना घटी है।।
ना कोई दवा थी, ना कोई दुआ काम कर रही थी ,
कोई बाबा बोल गया गौमूत्र का सेवन करो।
कोई नेता "गो कोरोना गो" के नारे लगा गया ,
इस भाग दौड़ के बीच प्रधान ने देश ही बंद कर दिया।।
इसने सबको एक जंग में उलझाया हुआ था ,
कोई घर जाने के लिए तड़प रहा था।
कोई घर बैठ क्या करे ये गुत्थी में लगा था ,
ये सब के बीच हर रोज़ कुछ नया&nb
sp;सुनने मिल रहा था।।
कभी कोई अस्पताल में डॉक्टर को पूजता
तो कभी कोई उन्हीं पे पत्थर फेक मारता।
ये देश अब खतरे में तो था ,
लेकिन समझ नहीं आ रहा था की डारे किससे,
वो जो दिखता नहीं या वो जो संभालता नहीं।।
जहां पूरी दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध के लिए तैयार हो रही थी ,
जहां सारे देश परमाणु हथियार बना रहे थे।
वह एक हादसे की तरह ये खेल कर गया ,
एक कीटाणु ने पूरे विश्व को युद्ध छोड़ एक साथ आने पे मजबूर कर दिया।।
माँ बचपन से बता रही थी ,हाथ अच्छे से धोना है ,
बंटी भी बोले था हाथ एक मिनट तक साफ़ करने हैं।
लोग चेहरों पे मुखौटे तो बरसो से पहन रहे थे ,
अब शायद दूसरों से छुपने के लिए नहीं मगर खुद को
बचाने के लिए भी यही कुछ पैंतरे आज़मा रहे थे।।
दुनिया की सबसे बड़ी ताक़त को भी हिला दिया इसने,
लगभग सबको ही रौंध दिया जिसने शक किया उसपे।
सारे के सारे शहर बंद थे , जो निकला उसके कूल्हे सूजे थे ,
कभी थाली बजा ने का आदेश होता कभी दिया जलाना हुकुम आ जाता।।
ये देश, देश कम और अब बिग बॉस का मंच ज़्यादा लग रहा था,
जो मंत्री की बात ना माने वो वैसे ही द्रोही देखा गया था।