अंदाज़ा
अंदाज़ा
मेरे आँसूओ को देखकर अंदाज़ा मत लगाओ
कि हम कितना वक्त रोए थे
अंदाज़ा लगाना है तो उस काली रात का लगाओ
जो हमारे साथ रोई थी
मेरे घाव को देखकर अंदाज़ा मत लगाओ
कि ज़ख्म कितना गहरा होगा
अंदाज़ा लगाना है तो उसका लगाओ
जिसने यह दर्द मुझे दिया होगा
मेरे अकेलेपन को देखकर अंदाज़ा मत लगाओ
मेरी तन्हाई का
अंदाज़ा लगाना है तो उसका लगाओ
जो हमें अकेला छोड़कर चला गया होगा
वैसे, कहते हैं कि इश्क़ में यूँ अंदाज़ा मत लगाओ
ज़रूरी नहीं जिससे आप इश्क़ करते हैं
वो भी आपको इश्क़ करता होगा

