नींद से की हजारों बातें जो अपनी ही सहेली थी अनबूझी अनसुलझी मगर फ़िर भी एक पहेली थी नींद से की हजारों बातें जो अपनी ही सहेली थी अनबूझी अनसुलझी मगर फ़िर भी एक पहेली ...
अंदाज़ा लगाना है तो उस काली रात का लगाओ जो हमारे साथ रोई थी अंदाज़ा लगाना है तो उस काली रात का लगाओ जो हमारे साथ रोई थी
कितनी बार नियंत्रण अपना साँसो तक से उठ जाता था कितनी बार नियंत्रण अपना साँसो तक से उठ जाता था