अपनी लड़खड़ाती जिंदगी में और मैं अपने अकेलेपन में। अपनी लड़खड़ाती जिंदगी में और मैं अपने अकेलेपन में।
एक ओर उधड़ी तभी दूसरी ओर से जुड़ भी गई हो गया जीवन एक ओर उधड़ी तभी दूसरी ओर से जुड़ भी गई हो गया जीवन
मैं पराई हूं तेरी आंखें ये सब कुछ कह जाती हैं। मैं पराई हूं तेरी आंखें ये सब कुछ कह जाती हैं।
अंदाज़ा लगाना है तो उस काली रात का लगाओ जो हमारे साथ रोई थी अंदाज़ा लगाना है तो उस काली रात का लगाओ जो हमारे साथ रोई थी
आज मन उदास क्यूं है? किसी अजनबी से किसी रिश्ते की आस क्यूं है। आज मन उदास क्यूं है? किसी अजनबी से किसी रिश्ते की आस क्यूं है।
रात के अकेलेपन में एक करुण गान सुनाई पड़ता है। रात के अकेलेपन में एक करुण गान सुनाई पड़ता है।