STORYMIRROR

Swaraangi Sane

Others

2  

Swaraangi Sane

Others

पहेली

पहेली

1 min
395


एक से दूसरे

दूसरे से तीसरे

ऐसे कई खाने जुड़े हैं

आपस में

पर अकेलेपन के

रीतेपन से

उधड़ गई सीवन


एक ओर उधड़ी

Advertisement

, 38);">तभी दूसरी ओर से

जुड़ भी गई

हो गया जीवन


इस तरह

तुम्हारे-मेरे

हमारे धर्म में जो

बिखरा था

जुड़ा तो

खिल गया जीवन



Rate this content
Log in

More hindi poem from Swaraangi Sane