नींद से की हजारों बातें जो अपनी ही सहेली थी अनबूझी अनसुलझी मगर फ़िर भी एक पहेली थी नींद से की हजारों बातें जो अपनी ही सहेली थी अनबूझी अनसुलझी मगर फ़िर भी एक पहेली ...
तेरी ही जुल्फों तले सोये रहते हैं तेरी ही जुल्फों तले सोये रहते हैं
समझ लेना रात भर सोए नहीं है हम । समझ लेना रात भर सोए नहीं है हम ।
इस सफर में नींद ऐसी खो गई इस सफर में नींद ऐसी खो गई
कितनी बार नियंत्रण अपना साँसो तक से उठ जाता था कितनी बार नियंत्रण अपना साँसो तक से उठ जाता था