ज़िंदगी की बंदीश
ज़िंदगी की बंदीश
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सुबह होती है, शाम होती है
ज़िंदगी बस यूं ही काम करते करते तमाम होती है
इस सफर में नींद ऐसी खो गई
हम ना सोये, रात थक कर सो गई।।
#SeedhiBaat