STORYMIRROR

JAY BHIMANI

Others

1  

JAY BHIMANI

Others

ज़िंदगी की बंदीश

ज़िंदगी की बंदीश

1 min
118

सुबह होती है, शाम होती है

ज़िंदगी बस यूं ही काम करते करते तमाम होती है

इस सफर में नींद ऐसी खो गई

हम ना सोये, रात थक कर सो गई।।


#SeedhiBaat



Rate this content
Log in