आंखों से, छलक जाऊंगा
आंखों से, छलक जाऊंगा
इतना गमगीन हूं आंखों से, छलक जाऊंगा।
करो ना रुसवा तेरे ग़म में, मैं मर जाऊंगा।
मेरे हिस्से की खुशी मुझको, कभी मिल ना सकी।
ख्वाहिशों की जुस्तजू में, सांस भी है थमी।
राहें गुमनाम है जाने मैं, किधर जाऊंगा।
तूने समझा ना मुझे अपना, कैसा तेरा सितम ।
तुम्हें था प्यार कभी मुझसे, मिट गया ये भरम।
खुद पे काबू नहीं ना जाने, क्या कर जाऊंगा ।
सुन ले ओ बेकदर, ये आखिरी पैगाम मेरा।
ना लबों पे लाएंगे, ओ बेवफा अब नाम तेरा।
इतना भयभीत हूं, परछाई से डर जाऊंगा।