गए हो जब से तुम जिंदगी से
गए हो जब से तुम जिंदगी से
गए हो जब से तुम जिंदगी से, मेरे लवों से हंसी गयी है।
गुजर हो रही तन्हाइयों में, ग़मों का घेरा ख़ुशी गयी है।
है याद तेरा वो इजहार उल्फत,आगोश में आकर बहक जाना
नजर से कभी जो पिलाई थी तुमने,रूह से न वो मयकशी गयी है।
गए हो जब से तुम जिंदगी से, मेरे लवों से हंसी गयी है।
थे लाखों दिलबर,महफ़िल में फिर भी,रहा में गुमशुम बिन हमनशी के,
न फिर से कोई दिल में समाया, जब से मेरी हमनशी गयी है।
गए हो जब से तुम जिंदगी से, मेरे लवों से हंसी गयी है।
हुनर था हम में भी आशिकी का, फ़िदा थे जिसपे हजारों दिलबर
गयी है जब से वो दूर मुझसे, वो दिल्लगी दिलकशी गयी है।
गए हो जब से तुम जिंदगी से, मेरे लवों से हंसी गयी है।
न जाने कितने मिलन बिछोहे, आये गए मेरी जिंदगी में
मलाल है दिल को सिर्फ उसका, क्यों मुझसे वो रुखसती गयी है।
गए हो जब से तुम जिंदगी से, मेरे लवों से हंसी गयी है।
जब तक रहा साथ मेरा तुम्हारा,जीवन की कश्ती डूबी न भटकी
जब से है छोड़ा मेरे दर को तुमने, न दर से मेरे बेबसी गयी है।
गए हो जब से तुम जिंदगी से, मेरे लवों से हंसी गयी है।