कामिनी हो तुम
कामिनी हो तुम
चंचल चतुर चपाक चटकीली चमक चांदनी हो तुम।
मृदुभाषी मनमोहक मूरत मधु मृगनयनी हो तुम।
कोमल कपोल कंठ कोयल कशिश कामिनी हो तुम।
रूप रंग रंगत रमणीक रसिक रागनी हो तुम।
प्रेमालय प्रेमस्वरूप पवित्रा पतित पावनी हो तुम।
मंद मंद मुस्कान मनोहर मेरी मंदाकिनी हो तुम।
मेरे मदन मादक मनकी मदहोश मोहनी हो तुम।
रात रंगीली रूप रति रंगीन रोशनी हो तुम।।