हम अधूरे-अधूरे से पैगाम हो गए। हम अधूरे-अधूरे से पैगाम हो गए।
अपनों के हाथों ही खाए थे खंजर, जख्म तो हुआ गुदगुदा हो गया। ऐसा नहीं सच ना संभला था हमसे, कीमत बहु... अपनों के हाथों ही खाए थे खंजर, जख्म तो हुआ गुदगुदा हो गया। ऐसा नहीं सच ना संभल...
डर लगता है तन्हाइयों की गहराइयों से, कहीं गुमशुदा सा मेरा अक्स नजर आता है.. डर लगता है तन्हाइयों की गहराइयों से, कहीं गुमशुदा सा मेरा अक्स नजर आता है..
क्या मेरा प्यार तेरे लिए कम सा हो गया। क्या मेरा प्यार तेरे लिए कम सा हो गया।
पूछ लूंगा जो आया मिलने मुझसे आना ही था तो यूं जाना ना था। पूछ लूंगा जो आया मिलने मुझसे आना ही था तो यूं जाना ना था।
फिर भी लगता है मुझे मैं पीछे ही रह गया हूं। फिर भी लगता है मुझे मैं पीछे ही रह गया हूं।